आज से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस बार सावन की शुरूआत सोमवार के साथ हो रही है, ऐसे में इसका महत्व और बढ़ जाता है. इतना ही नहीं इस बार श्रावण मास में पूरे 5 सोमवार पड़ रहे हैं. इस वजह से भी इस साल सावन माह बहुत खास हो जाता है. कहते हैं पूरे साल में सावन एक ऐसा महीना है, जो भगवान भोलेनाथ को बहुत प्रिय है इसलिए शिव के भक्त श्रावण मास में पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना करते हैं और सोमवार का उपवास करते हैं. मान्यता है कि श्रावण मास में व्रत करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. साथ ही अपने भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं. इस व्रत को करने का ज्यादा प्रचलन विवाहित महिलाओं और कुंआरी लड़कियों के बीच है. ऐसी मान्यता है भोलेनाथ की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, वहीं अविवाहित लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.
सावन सोमवार पूजा सामग्री |
शिव-पार्वती प्रतिमा, फूल, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, पंच रस, इत्र, गंध रोली, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, पंच फल, पंच मेवा, मंदार पुष्प, कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शुद्ध देशी घी, मौली जनेऊ, पंच मिठाई, शहद, गंगाजल, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री.
सावन के महीने में करना है सोमवार का व्रत और भगवान शिव को खुश, तो जानें क्या करें और क्या नहीं
सावन में सोमवार का व्रत रखने के लिए प्रात: जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
इसके बाद घर के पूजा घर या मंदिर की साफ सफाई करें.
भगवान की पूजा मंदिर या घर में की जा सकती है.
मंदिर या घर में विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करने के बाद अभिषेक करें.
इसके बाद महादेव को सफेद चंदन लगाएं और उन्हें भांग, धतूरा, बिल्वपत्र, आंकड़ा आदि चीजें चढ़ाएं.
फिर भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.
इसके बाद सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें और भगवान शिव की आरती करें.
अंत में फिर भोग लगाएं
ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन सुबह-शाम दोनों समय शिव जी की पूजा करनी है.
महामृत्युंजय मंत्र |
– ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
हर-हर महादेव