क्या आपको पता है कि पूरे शिमला शहर में पीने के पानी की आपूर्ति किन भंडारण टैंकों द्वारा की जाती है? ऐतिहासिक रिज मैदान के नीचे बने भूमिगत पानी के टैंक, जो ब्रिटिश राज के दौरान बनाए गए थे, पूरे शिमला शहर को जलापूर्ति करते हैं। इन टैंकों में से एक टैंक की पानी स्टोरेज क्षमता 45 लाख लीटर है, जो रिज के नीचे स्थित है।
ब्रिटिश कालीन धरोहर: रिज टैंक की विरासत
यह ऐतिहासिक टैंक आज उचित देखरेख और रखरखाव की कमी से जूझ रहा है। अनावश्यक अवैध निर्माण और अवैध तरीके से भूमि की कटाई इसके मुख्य कारण हैं। 2011 में भी रिज का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था, जिससे लक्कड़ बाजार बस स्टैंड की तरफ का हिस्सा प्रभावित हुआ था। इस घटना के बाद से ही रिज मैदान पर पड़ी दरारों को सीमेंट से भरने का कार्य चलता रहा है, जो केवल अस्थायी समाधान हैं।
रिज टैंक: संरचना और महत्वपूर्ण जानकारी
रिज टैंक में 9 चैंबर हैं, जिनमें से 4 चैंबरों में दरारें आ गई हैं। यह ब्रिटिश कालीन टैंक है, जो अंग्रेजी हुकूमत के समय में बनाया गया था और इसकी मजबूती बढ़ाने के लिए अंग्रेजों ने इस पर मिट्टी की पुताई की थी। टैंक की दरारों को सीमेंट से भरना मुश्किल है, इसलिए एक्सपर्ट्स की मदद से ब्रिटिश कालीन तकनीक का उपयोग कर मरम्मत की जाएगी। इस टैंक में हर वक्त करीब 5 एमएलडी पानी को स्टोर करने की क्षमता है।
दरारों का मरम्मत कार्य: एक चुनौती
पिछले कई सालों से रिज टैंक की दरारों को भरने का कार्य लंबित है। अब एसजेपीएनएल ने 1.5 करोड़ रुपए के बजट के साथ इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। मरम्मत के दौरान टैंक को खाली किया जाएगा, जिससे पानी की सप्लाई बाधित न हो इसके लिए अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी ताकि सेंट्रल जोन में नियमित पानी की सप्लाई बनी रहे।
रिज पर आयोजन और खतरे
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हर बार बड़े आयोजन होते हैं, जबकि इसके नीचे स्थित टैंक को चिन्हित कर येलो लाइन लगाई गई है। किसी भी गाड़ी को इस टैंक के ऊपर चलने की अनुमति नहीं है, फिर भी भारी-भरकम स्टेज लगाकर आयोजनों का आयोजन किया जाता है। शिमला की पूर्व डिप्टी मेयर ने हिमाचल हाईकोर्ट से इस बारे में उचित दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। पेयजल कंपनी भी टैंक के ऊपर मंच बनाने या किसी बड़े आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर चुकी है, लेकिन फिर भी हर बड़ा कार्यक्रम रिज मैदान पर ही होता आ रहा है।
भविष्य की चुनौतियाँ और समाधान
रिज टैंक शिमला के एक बड़े हिस्से को जलापूर्ति करता है, जिसकी स्टोरेज क्षमता 45 लाख लीटर है। इसके अस्तित्व को बचाने के लिए उचित देखरेख और मरम्मत आवश्यक है, ताकि भविष्य में शिमला शहर में पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से चलती रहे और ऐतिहासिक विरासत को भी संरक्षित किया जा सके। जल संकट को दूर करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि रिज टैंक की मरम्मत के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और अवैध निर्माण एवं भूमि कटाई पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
निष्कर्ष: शिमला का जल संकट और विरासत की सुरक्षा
रिज टैंक न केवल शिमला के लिए जलापूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक धरोहर भी है। इसके अस्तित्व को बनाए रखने और शहर की जलापूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए जरूरी है कि इस टैंक की उचित देखरेख और मरम्मत की जाए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करें।
क्या आपके शहर में भी ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें हैं जो उचित देखरेख की कमी से जूझ रही हैं? हमें कमेंट में बताएं!