शिमला के उपनगर बालूगंज में स्थित मां कामना देवी का मंदिर श्रद्धालुओं के बीच अपनी पवित्रता और शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। देवी दुर्गा के आभामंडल में स्थित दस महाविद्याएं दस प्रकार की शक्तियों की प्रतीक हैं। इनकी साधना कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायक और साधक की सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होती है। महाविनाशक महाकाली जहां रक्तबीज का वध करती हैं, वहीं अपने साधकों को अपार शक्ति देकर मां भगवती सबल और सक्षम बनाती हैं। ऐसी ही शक्तियों की प्रदाता है मां कामनादेवी।
मां कामनादेवी: श्रद्धा और आस्था का केंद्र
कामना देवी मंदिर काली माता को समर्पित एक पवित्र स्थान है। पूरे भारत से बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। जो भी कठिन पहाड़ी रास्ता तय करके मंदिर पहुंचता है, उसे मां आशीर्वाद देती हैं और उसकी सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। यह पवित्र स्थान शहर से 5 किमी की दूरी पर प्रोस्पेक्ट हिल पर स्थित है। बालूगंज से पैदल पहाड़ चढ़कर यहां पहुंचा जा सकता है। पाइन और देवदार के पेड़ इस जगह को चारों ओर से घेरे हुए हैं।
इतिहास और महत्व:
शिमला के बालूगंज स्थित कामना मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आता है, मां उसकी हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। शहर की ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस शक्ति मंदिर में बालूगंज बाजार से छोटे वाहन द्वारा सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
मां कामनादेवी की मान्यताएं:
मां कामना देवी के मंदिर में श्रद्धालु जो भी कामना करते हैं, मां उसे अवश्य पूरा करती हैं। श्रद्धालु मंदिर के द्वार पर स्थित कैंथ के पेड़ के मूड़ में रुमाल, चूड़ियां, डोरी आदि बांधकर मन्नत मांगते हैं। कामना पूरी होने पर श्रद्धालु मां के द्वार पर खुशी-खुशी आते हैं। यह मंदिर न केवल श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि विश्व पर्यटन मानचित्र पर भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाने लगा है।
नवरात्र में विशेष महत्व:
वैसे तो साल भर यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। पहले इस मंदिर की देखरेख एवं पूजा आदि का कार्य स्वर्गीय पंडित सत्य प्रकाश देखते थे। वह मशहूर ज्योतिष विद्वान भी थे। उनके निधन के बाद मंदिर की व्यवस्था उनके पुत्र पंडित विनोद लखनपाल देख रहे हैं। उनके साथ नरेश कुमार एवं प्रवीण पूजा अर्चना की रस्में पूरी करवाते हैं। पंडित विनोद लखनपाल के अनुसार इस समय उनकी पांचवीं पीढ़ी मंदिर का सफल संचालन कर रही है। 1932 में उनके दादा पंडित सीता राम ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। हालांकि इस मंदिर का निर्माण 200 साल से भी पुराना है।
स्थानीय मान्यता और महत्व:
माना जाता है कि यह स्थान पहले क्रेडू नाम से जाना जाता था। यहां पर देवी की पिंडी प्रकट हुई और स्थानीय लोगों ने यहां मंदिर बनवाया। हर इच्छा व कामना पूर्ण करने वाली माता को स्थानीय लोगों ने कामना देवी का नाम दे दिया। जिन लोगों के संतान न हो वह इस मंदिर में श्रद्धा पूर्वक जाते हैं और मां के मंदिर के बाहर पेड़ में एक सूत्र बांधते हैं जिसके बाद उनकी इच्छा पूर्ण हो जाती है। संतान प्राप्ति के बाद पुन: मंदिर में जाने के बाद इस सूत्र को खोला जाता है। निर्धन को माता के दरबार में धनवान होने का आशीर्वाद मिलता है।
श्रद्धालुओं की आस्था और मंदिर का महत्व:
कामना देवी मंदिर में नवरात्र पर स्थानीय लोगों सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। लोग सुख, शांति और अन्य कामनाएं लेकर यहां आते हैं और वांछित फल प्राप्त करते हैं। संकट मोचन और जाखू मंदिर के बाद शिमला में तीसरे सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाने वाला कामना देवी मंदिर हिंदू समुदाय को समर्पित है और इसकी प्रमुख देवी काली हैं, जिन्हें देवी दुर्गा का दूसरा रूप माना जाता है।
मंदिर का वातावरण और आकर्षण:
लुभावने पहाड़ों, सुरम्य घाटियों और घास के मैदानों से घिरा यह मंदिर सभी उम्र के छुट्टियों के लिए आने वाले लोगों को जादुई माहौल प्रदान करता है और दक्षिणी शिमला के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें या रॉक-क्लाइम्बिंग और ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद लें। यह स्थान आपके परिवार के साथ कुछ मज़ेदार समय बिताने के लिए एक बेहतरीन पिकनिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
पर्यटन और धार्मिक स्थल के रूप में महत्व:
जो पर्यटक शिमला में छोटी या लंबी छुट्टी के लिए अपनी यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें इस खूबसूरत धार्मिक स्थल पर अवश्य जाना चाहिए। आमतौर पर कहा जाता है कि माँ काली उन सभी लोगों की इच्छाएँ पूरी करती हैं जो पूरी आस्था और समर्पण के साथ उनकी पूजा करते हैं। मंदिर में हर साल नवरात्रि और दुर्गा पूजा का त्यौहार भी मनाया जाता है, जो लोगों को इस स्थान पर आने का एक और कारण देता है।
मां कामना देवी का मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के बीच आस्था और विश्वास का केंद्र भी है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मां कामना देवी का आशीर्वाद मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। मां कामना देवी का यह पवित्र स्थल अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर के लिए हमेशा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।