शिमला, 27 अगस्त – हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कुल 885 पदों को भरने की योजना बना रही है। ये पद हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर के माध्यम से भरे जाएंगे। आयोग द्वारा 11 विभिन्न विभागों में इन पदों को साक्षात्कार के माध्यम से भरा जाएगा। इसमें से 132 पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी पाइपलाइन में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में विधायक चंद्रशेखर के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एचआरटीसी (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) में सबसे ज्यादा 360 पदों की भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पशुपालन विभाग में 188, बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 275, अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग में एक, परिवहन विभाग में 4, बिजली बोर्ड में हाइड्रो मैकेनिकल के 25, पावर निगम में 4, और उद्योग विभाग में 5 माइनिंग इंस्पेक्टर के पदों की भर्ती की जाएगी। गृह विभाग में कंपनी कमांडर के 4 पद भी भर्ती के लिए पाइपलाइन में हैं।
नागरिक आपूर्ति निगम में जेओए (जूनियर ऑफिस असिस्टेंट) के 42, राज्य लेखा विभाग में जूनियर ऑडिट के 37, आयुष विभाग में आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारी के 41, और उद्योग विभाग में सहायक माइनिंग इंस्पेक्टर के 8 पदों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी विभागों को 31 दिसंबर 2024 तक नियुक्ति की सिफारिशें करने का निर्देश दिया है।
वन मंडल अधिकारियों की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में वन मंडल अधिकारी के 296 स्वीकृत पदों में से 117 पद वर्तमान में खाली हैं। इनमें से 76 पद राज्य चयन आयोग के माध्यम से भरे जाने हैं, जबकि 41 पदों को पदोन्नति द्वारा भरे जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक विक्रम सिंह के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 19 ब्लॉक अधिकारियों को रेंज ऑफिसर का चार्ज दिया गया है, जिनमें से केवल 2 ब्लॉक अधिकारियों को 2 रेंजों का और 17 ब्लॉक अधिकारियों को केवल एक रेंज का चार्ज सौंपा गया है।
बिजली बोर्ड की भर्ती स्थिति
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में वर्तमान में विभिन्न श्रेणियों के कुल 7313 पद खाली हैं। बोर्ड के स्वीकृत 25443 पदों में से 18130 पद भरे जा चुके हैं, जबकि 7000 से अधिक पद अभी भी खाली हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि बिजली बोर्ड में 15 मई 2003 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ मिल रहा है, जबकि 15 मई 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू की गई है।